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India 6th in "Most Positive Teacher" survey - 'मोस्ट पॉजिटिव टीचर' के सर्वे में भारत 35 देशों में छठे नंबर पर

India 6th in "Most Positive Teacher" survey

India 6th in 
"Most Positive Teacher" survey
'मोस्ट पॉजिटिव टीचर' के सर्वे में भारत 35 देशों में छठे नंबर पर

ब्रिटन की वर्की फाउंडेशन ने किया सर्वे 

लंडन 27 ऑक्टो - Reading between the Lines  What the world really thinks of teachers रीडिंग बिटवीन द लाइन्स: व्हाट द रियली थिंक्स ऑफ टीचर्स', पिछले सप्ताह यूके स्थित वर्की फाउंडेशन द्वारा जारी किया गया, जिसमें पाया गया कि (India 6th in "Most Positive Teacher" survey) भारत अच्छे टीचर्स के मामले में छठे स्थान पर है. 

देश के भविष्य की मजबूत नींव कोई तैयार करता है तो वह है एक अच्छा शिक्षक. "गुरुर ब्रम्हा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वर:" को मानने और जानने वाला भारत अच्छे शिक्षकों के मामले में दुनिया के 35 देशों में छठे नंबर पर है. 35 देशों के वैश्विक सर्वेक्षण पर आधारित रिपोर्ट में इस तथ्य को प्रमाणित किया है. 

ब्रिटेन स्थित वार्के फाउंडेशन द्वारा पिछले सप्ताह जारी रिपोर्ट 'रीडिंग बिट्वीन द लाइंस: वाट द वर्ल्ड रियली थिंक्स ऑफ टीचर्स में पाया गया कि देश में शिक्षकों की स्थिति पर लोगों के अंतर्निहित, अचेतन व स्वचालित विचारों की बात आती है तो भारत का स्थान इसमें छठवें नंबर पर है. 

अंतर्निहित शिक्षक स्थिति विश्लेषण में शिक्षकों को लेकर प्रतिभागियों के स्वत: धारणा पर देशों का क्रम तय किया जाता है. वह भी तब जब उनसे कहा गया कि वे बिना सोचे जल्दी जल्दी उत्तर देते हुए बताएं कि क्या उनके देश में शिक्षक विश्वसनीय है या अविश्वसनीय, प्रेरणा देने वाला है या नहीं, ध्यान रखने वाला है या नहीं, मेधावी है या नहीं. इस मानक पर भारतीय शिक्षकों से आगे चीन, घाना, सिंगापुर, कनाडा और मलेशिया के शिक्षक टॉप 5 में थे और भारत छठे स्थान पर. 

वार्के फाउंडेशन और ग्लोबल टीचर प्राइज के संस्थापक सन्नी वार्के ने कहा कि ये रिपोर्ट साबित करती है कि शिक्षकों का सम्मान न सिर्फ महत्वपूर्ण नैतिक दायित्व है, बल्कि ये देश के शैक्षणिक नतीजों के लिए अनिवार्य है. कोरोना वायरस महामारी के दौरान स्कूलों और यूनिवर्सिटीज बंद होने से करीब 1.5 अरब विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं. ऐसे अभूतपूर्व समय में अब यह पहले से भी कहीं ज्यादा जरूरी है कि हम अच्छे शिक्षकों की पहुंच छात्रों तक सुनिश्चित करने के लिए जो भी जरूरी हो, वो करें. 

ग्लोबल टीचर स्टेटस इंडेक्स (जीटीएसआई) 2018 से एकत्र आंकड़ों के आधार पर बनाई गई रिपोर्ट में शिक्षकों की स्थिति और छात्रों के फायदे के बीच संबंध की पुष्टि भी की गई है. जीटीएसआई के तहत 35 देशों का सर्वेक्षण किया गया था और हर देश में 1000 प्रतिनिधियों को शामिल किया गया था. इस नई रिपोर्ट में पहली बार यह बताने की कोशिश की गई है कि क्यों “अंतर्निहित टीचर स्टेटस” अलग-अलग देशों में भिन्न है. इसमें पाया गया कि अमीर देशों में शिक्षकों का दर्जा कहीं बेहतर है जहां सार्वजनिक धन शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा आवंटित होता है. 

उदाहरण के लिए भारत में शिक्षा पर सरकारी खर्च 14 फीसदी है. इस सर्वेक्षण में 24वें स्थान पर आने वाले इटली में यह प्रतिशत 8.1 है. वहीं दूसरे स्थान पर आने वाला घाना 22.1 प्रतिशत सरकारी खर्च शिक्षा पर करता है. 

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