Sheetla Mata Aarti : शीतला माता की आरती
Sheetla Mata Aarti
शीतला माता की आरती
जै शीतला माता मैया जै शीतला माता ।
दुख निवारण वाली सुख की वरदाता ।।
गर्दभ तुमरा वाहन शांत सदा रहता ।।
दुख दरिद्रता हरता कष्ट सभी सहता ।।
जै शीतला माता
चामुंडा कहलाईं अद्भुत रूप धरा ।।
नग्न रूप में रहतीं जल हथ कलश भरा ।।
जै शीतला माता
रोम रोम में प्रगटो विस्फोटक शक्ति ।।
निर्भय होकर रहतीं मुक्त करो हंसती ।।
जै शीतला माता
जब तक तुमरा पहरा स्वच्छ रहे आन ।।
नीम की पत्ती भावे झाड़ू मन भावन ।।
जै शीतला माता
तीखा रस नहीं भावे बासी स्वाद लगे ।।
कच्चे दूध की लस्सी सेवा भाव जगे ।।
जै शीतला माता
ऋषि मुनि जन तुमरी महिमा गाई ।।
धन्वंतरी ने ध्याया चामुंडा माई ।।
जै शीतला माता
चैत्र में मेला लगता हर मंदिर भारी ।।
सोमवार की पूजा करते नर नारी ।।
जै शीतला माता
तेरे तालाब की माटी अंग लगाए जो ।।
“ओम” कभी जीवन में कष्ट ना पाए वो ।।
जै शीतला माता
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