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Durge Durgat Bhari Tujvin Sansari Aarti Lyrics Image Jpg - दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी

Durge Durgat Bhari Tujvin Sansari Aarti Lyrics Image Jpg - दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी


Durge Durgat Bhari Tujvin Sansari Aarti Lyrics

Durga Devi Chi Aarti Lyrics

दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी


दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी |
अनाथ नाथे अम्बे करुणा विस्तारी |
वारी वारी जन्म मरणांते वारी |
हारी पडलो आता संकट निवारी ॥ १ 

जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी |
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी ॥

त्रिभुवन-भुवनी पाहता तुज ऐसी नाही |
चारी श्रमले परन्तु न बोलवे काही |
साही विवाद करिता पडले प्रवाही |
ते तू भक्तालागी पावसि लवलाही ॥ २ 

जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी | 
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी ॥
 
प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासा |
क्लेशांपासुनि सोडवि तोडी भवपाशा |
अम्बे तुजवाचून कोण पुरविल आशा |
नरहरी तल्लिन झाला पदपंकजलेशा ॥ ३  

जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी |
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी ॥

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