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Shani Yantra Ke Fayde benefits : शनी यंत्र के फायदे | Sthapana Aur Pooja Vidhi : शनी यंत्र स्थापना और पूजा विधि

Shani Yantra Ke Fayde benefits - Sthapana Aur Pooja Vidhi : शनी यंत्र के फायदे  शनी यंत्र स्थापना और पूजा विधि


शनी यंत्र के फायदे 

शनी यंत्र स्थापना और पूजा विधि

Shani Yantra Ke Fayde / Benefits

Shani Yantra Sthapana Aur Pooja Vidhi

        पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव को न्याय का देवता (Shani Dev Nyay Devta) माना जाता है। न्याय दान में वे बहोत ही कठोर है इसीलिए उन्हें क्रोधी ग्रह भी माना जाता है । शनिदेव का नाम सुनते ही सबके मन में भय आ जाता है। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक Kundali में शनि ग्रह (Shani Grah) के अशुभ प्रभाव से पीड़ित जातक को शारीरिक, मानसिक पीड़ाओं के साथ ही कई आर्थिक संकटों का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए हम आपको यहाँ शनि यंत्र  के फायदे (Shani Yantra Ke Fayde/Benefits) बारे में बताने जा रहे हैं जिसका उपयोग करके आप शनिदेव की कृपा प्राप्त करके अपना जीवन सुखद और सफल बना सकते हैं ।

        जो मनुष्य अपने जीवन में अच्छा कर्म करता है शनिदेव उसे हर सुख समृद्धि प्रदान करते हैं, और जो मनुष्य पाप करता है शनि देव उसका जीवन नर्क के समान पीड़ा से भर देते हैं । अगर किसी जातक के अच्छे कर्मों से शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं तो यह मान लीजिए कि शनिदेव उसकी तरफ हर सुख, समृद्धि और आनंद की वर्षा कर देते हैं जिस भी जातक के ऊपर शनिदेव की कृपा रहती है ऐसे जातक को कभी भी किसी भी प्रकार का दुख भोगना नहीं पड़ता । 

        ऐसे में शनिदेव को प्रसन्न रखने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय भी बताए गए हैं। इन उपायों में से एक सिद्ध और प्रभावशाली उपाय शनि यंत्र (Shani Yantra) माना गया है। Jyotish Shashtra में Yantra Pooja और इस धारण करने को बहुत महत्व दिया जाता है। मान्यता है कि शनि यंत्र की नियमित पूजा और इसे घर में स्थापित करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ती को जीवन में शुभ परिणाम मिलने लगते हैं। तो आइए जानते हैं शनि यंत्र की स्थापना और पूजा विधि से जुड़े नियम

शनि यंत्र की स्थापना कैसे करें?

Shani Yantra Sthapana

        ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन शनि यंत्र स्थापना और पूजा विधि (Shani Yantra Sthapana Aur Pooja Vidhi) के लिए सुबह जल्दी उठकर और स्नानादि से निवृत्त होकर घर के पूजा स्थल की अच्छी तरह साफ-सफाई करके वहां शनि यंत्र स्थापित करें। शनि यंत्र के सामने बैठकर 11 बार "ऊँ शं शनैश्चराय नम:" (Om Shan Shanaishcharay Namah) मंत्र का जाप करें। इसके बाद यंत्र पर GangaJal छिड़कें और हाथ जोड़कर मन में शनि देव से प्रार्थना करें कि वह आप पर अपनी कृपा बनाए रखें। मान्यता है कि शनि यंत्र की स्थापना के बाद इसकी नियमित पूजा करना जरूरी होता है अन्यथा शुभ फल प्राप्त नहीं हो पाता। यदि आप शनी यन्त्र की नियमित पूजा कर सकते है तो ही स्थापना करे अन्यथा नहीं।

        यदि आप शनि यंत्र को अपने पर्स या गले में धारण कर रहे हैं तो उपरोक्त विधि की तरह ही स्नान के पश्चात शनि यंत्र को अपने हाथ में लेकर विधिपूर्वक पूजन और मंत्र जाप करके धारण करें। इस बात का खास ख्याल रखें कि शरीर पर धारण किए गए यंत्र को कभी भी पूजा स्थल में स्थापित नहीं करना चाहिए।

(डिस्क्लेमर : इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। jantaparishad.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)


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