आरती कुंज बिहारी की Aarti Kunj Bihari Ki lyrics hindi image Krishna Aarti
आरती कुंज बिहारी की
Aarti Kunj Bihari Ki
कृष्ण आरती
Krishna Aarti
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म (krishna birth) द्वापर यूग (dwapar yug) में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में हुआ. वे देवकी वसुदेव (Devki Vasudev) की आठवी संतान थे. उन्हे भगवान श्री नारायण का आठवा अवतार माना जाता है जो की एकमेव पुर्णावतार (purnavatar) था. उनके जन्म का विशेष प्रयोजन दुष्ट कंस का नाश करना था. गिता के माध्यमसे समग्र जगत को राह दिखाना और महाभारत (Mahabharat) के माध्यम से समस्त दुष्टो का नाश करना भी उनके विशेष अवतार का कारण था. भगवान् श्री कृष्ण की महिमा गान एवम गुणगान कर उनकी दयादृष्टि प्राप्त करने के लिए आइये करते है आरती कुंज बिहारी की aarti kunj bihari ki. (krishna aarti lyrics in hindi)
आरती कुंज बिहारी की
आरती कुंज बिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ||
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ||
गले में बैजंती माला
बजावे मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला
नंद के आनंद नंदलाला
बजावे मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला
नंद के आनंद नंदलाला
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की |
गगन सम अंग कांति काली
राधिका चमक रही आली
रतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक
ललित छबि श्यामा प्यारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की |
कनकमय मोर मुकुट बिलसे
देवता दर्शन को तरसे
गगन सों सुमन रासि बरसे
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिनी संग
अतुल रति गोप कुमारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की |
जहॉं से प्रगट भई गंगा
कलुष कलि हारिणि श्री गंगा
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव शीश, जटा के बीच, हरे अघ कीच
चरन छबि श्री बनवारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की |
चमकती उज्ज्वल तट रेणु
बज रही वृंदावन बेनु
चहुँ दिसि गोपि काल धेनु
हँसत मृदु मंद, चॉंदनी चंद, कटत भव फंद
टेर सुन दीन दुखारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की |
बोलो बाके बिहारी लाल की ....जय .....
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