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Karwa Chauth 2020 Date Vrat Niyam Pooja Vidhi Aur Katha - करवा चौथ २०२० व्रत नियम पुजा विधी और कथा

 

Karwa Chauth 2020 Best Wishes shubh kamana

Karwa Chauth 2020 Date Vrat Niyam Pooja Vidhi Aur Katha
करवा चौथ २०२० व्रत नियम पुजा विधी और कथा

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को Karwa Chauth करवा चौथ यह व्रत मनाया जाता है. सुहागन महिलाओ के लिये करवाचौथ यह साल का सबसे बडा व्रत होता है. पती की लंबी उम्र के लिये महिलायें यह व्रत रखती है. दुरे दिन निर्जल रहकर शाम को चंद्रोदय के पश्‍चात व्रत खोला जाता है. व्रत में सास अपनी बहु को सरगी देकर यह व्रत शुरु करवाती है. सरगी से दिन भर निर्जल रहने के लिये ऊर्जा प्राप्त होती है. तो आइये जानते है Karwa Chauth 2020 Date Vrat Niyam Pooja Vidhi Aur Katha करवा चौथ २०२० व्रत नियम पुजा विधी और कथा

1) Karwa Chauth 2020 Date 
1) करवा चौथ २०२० कब  

इस साल यह व्रत बुधवार तारिख ४ नवंबर २०२० को रखा जायेगा. 

2) Karwa Chauth 2020 Shubh Muhurat 
 करवा चौथ २०२० शूभ मूहूर्त  

चतुर्थी तिथी ४ नवंबर २०२० को ०३.२४ पर शुरु होगी और इसकी समाप्ती ५ नवंबर २०२० को शाम ५.१४ को होनी है. इस दिन शाम की पुजा के लिये शुभ मुहूर्त शाम ५.२९ बजे से ६.४८ तक का बताया गया है. जबकी चंद्रोदय रात्री में ८.१५ के पश्‍चात होगा. 

3) Karwa Chauth Vrat Ke Niyam
करवा चौथ व्रत के नियम

  • देश में हर जगह की अपनी अपनी परंपरा के अनुसार इस व्रत को किया जाता है. 
  • सामान्य नियम में दिनभर निर्जल रहकर, रात्री में चंद्र दर्शन के पश्‍चात पती के हातो पानी पीकर व्रत तोडा जाता है. 
  • पुजा में मंगलसुत्र के साथ ही विशेषकर मिट्टी के करवे का उपयोग किया जाता है, इस दिन इसका विशेष महत्व है, और इसीलिये इसको करवाचौथ कहते है. 
  • पुजा में माता करवा चौथ की कहानी कहना और सुनना आवश्यक है. 
  • चंद्र दर्शन के पश्‍चात पती के हातों पानी पिकर व्रत समाप्ती की जाती है. 

4) Karwa Chauth Vrat Ki Pooja Vidhi 
 करवा चौथ व्रत की पुजा विधी 

व्रत के दिन सुर्योदय से पहले उठना होता है. अच्छे से तैयार हो स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहीये. इसके बाद सरगी के रुप में प्राप्त अन्न और जल ग्रहण करना है. इस व्रत विधी में आडंबर नही लेकीन श्रृंगार करने का विशेष महत्व माना गया है. भगवान की पुजा के पश्‍चात दिनभर निर्जल रहकर व्रत करने का संकल्प लेना चाहिये. व्रत संकल्प लेने का मंत्र निम्म लिखीत है. 

Karwa Chauth Vrat Sankalp Mantra
करवा चौथ व्रत संकल्प मंत्र 

मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये 
कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये |

Chauth Mata Photo Pic Image चौथ माता चित्र karwa chauth करवा चौथ

शाम को भगवान की श्री गणेशजी की प्रतिमा या मुर्ती को पाटे पर स्थापीत कर इस दिन के लिये विशेष महत्व प्राप्त करवों को रखा जाता है. कही पर करवे में शक्कर रखी जाती है. तो कुछ जगहो पर करवे में पानी भी रखा जाता है. पूजा में भगवान से समृद्धी और मिठास का आशिर्वाद पाने के लिये साबूत अनाज और कुछ मिठा जरूर रखना चाहिये. मंगलसुत्र जो की एक पिले धागे में पिरोये काले मोतियो की माला होती है, उसका इस दिन विशेष महत्व माना गया है. इसे पहने से पती के संकट दुर होकर वह दिर्घायुषी बनता है, ऐसी मान्यता है. पुजा में माता पार्वती के चरणों को मंगलसुत्र लगाकर धारण करना चाहिये. 

पुजा में भगवान शिव परिवार का विशेषकर पुजन करने का विधान है. इसमें भगवान श्री महादेव, माता पार्वती और आद्य देवता श्री गणेशजी के साथ ही नंदी देव की भी पुजा कि जाती है. पूजा के बाद करवा चौथ व्रत कथा और  श्री गणेशजी की आरती एवं चौथ माता की आरती की जाती है. 

चंद्रोदय के पश्‍चात चंद्रदर्शन कर चंद्र देवता को अर्घ दिया जाता है. पती के मुख को छलनी के माध्यम से देखा जाता है. दिनभर निर्जल रहने के पश्‍चात पती के हातो पानी ग्रहण कर या निवाला खाकर व्रत को तोडा जाता है. घर के सभी बडो का आशिर्वाद प्राप्त करने के पश्‍चात पूजा में हुई किसी भी प्रकार की गलती के लिये माता करवा चौथ को क्षमा याचना अवश्य करे. 

5) Karwa Chauth Vrat Ki Katha
करवा चौथ व्रत कथा / कहानी 

वैसे तो करवा चौथ से संबंधीत अनेको कथाएं प्रचलीत है. लेकीन सर्वाधीक मान्यता, शास्त्रो मे दि गई सात भाईयों के बहन की कथा को दी गई है. 

कथा यहॉ पढे ..... करवा चौथ व्रत कथा / कहानी 

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