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Rin Mochan Mangal Stotra Lyrics in Sanskrit : ऋणमोचन मंगल स्तोत्र

Rin Mochan Mangal Stotra Lyrics in Sanskrit : ऋणमोचन मंगल स्तोत्र


ऋणमोचन मंगल स्तोत्र 

Rin Mochan Mangal Stotra Lyrics in Sanskrit


ऋण मोचन मंगल स्तोत्र लाभ : ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने से भगवान हनुमान की कृपा से सभी संकट दूर हो जाते हैं। अगर आप लंबे समय से कर्ज की समस्या से जूझ रहे हैं तो इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए यह स्तोत्र सबसे अच्छे उपायों में से एक है। इस स्तोत्र के पाठ से भक्तों को घर में शांति और सद्भाव मिलता है। यदि आप सभी प्रकार की आर्थिक बाधाओं का समाधान चाहते हैं तो आपको ऋण मोचन मंगल स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करना चाहिए। अगर कोई रोजाना सुबह इस स्तोत्र का पाठ करता है तो वह आसानी से हर नकारात्मक विचार से मुक्त हो जाता है। तो चलीये करते है पांढ ऋणमोचन मंगल स्तोत्र (Rin Mochan Mangal Stotra Lyrics in Sanskrit) का। 


मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकायः सर्वकर्मविरोधकः ॥१॥

लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥२॥

अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः॥३॥

एतानि कुजनामानि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्॥४॥

धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम्॥५॥

स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्॥६॥

अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय॥७॥

ऋणरोगादिदारिघ्र्यं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा॥८॥

अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्क्षणात्॥९॥

विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः॥१०॥

पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः॥११॥

एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा॥१२॥

इति श्रीस्कन्दपुराणे भार्गवप्रोक्तं ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम्

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