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आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) २०२२ जारी - National Lists of Essential Medicines (NLEM) 2022


आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) २०२२ जारी - National Lists of Essential Medicines (NLEM) 2022

आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) 2022 जारी 

एनएलईएम 2022 में 384 दवाएं शामिल; 34 नई दवाएं जोड़ी गईं

Dr Mansukh Mandaviya launches National Lists of Essential Medicines (NLEM) 2022

384 Drugs included in NLEM 2022; 34 new drugs added 

    " सबको दवाई, सस्ती दवाई की प्रधानमंत्री की परिकल्‍पना के तहत, एनएलईएम मरीज द्वारा अपनी जेब से कम राशि खर्च ओओपीई) करने के साथ सस्ती स्वास्थ्य सेवा की दिशा में एक और कदम"

    यह दवाओं की प्रभावकारिता, सुरक्षा, गुणवत्ता, सामर्थ्य और पहुंच सुनिश्चित करेगा: डॉ. मनसुख मांडविया

    डॉ. भारती प्रवीण पवार ने हितधारकों से सू्क्ष्‍मजीवीरोधी प्रतिरोधकता पर जागरूकता पैदा करने का आग्रह किया

    "केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी की सबको दवाई, सस्‍ती दवाई की परिकल्‍पना के तहत विभिन्न कदम उठा रहा है। इस दिशा में, आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के सभी स्‍तरों पर सस्ती गुणवत्ता वाली दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे सस्‍ती, गुणवत्तापूर्ण दवाओं को बढ़ावा मिलेगा और नागरिकों को स्वास्थ्य देखभाल पर अपनी जेब से कम खर्च करना पड़ेगा।" केन्‍द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) 2022 जारी करते हुए आज यहां यह बात कही।

    इस सूची में 384 दवाओं के अलावा 34 नई दवाओं को शामिल किया गया है, जबकि पिछली सूची से 26 दवाओं को हटा दिया गया है। दवाओं को 27 चिकित्सीय श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

        इस अवसर पर, केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि "आवश्यक दवाएं" वे हैं जो उपचार की प्रभावशीलता, सुरक्षा, गुणवत्ता और कुल लागत के आधार पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। एनएलईएम का प्राथमिक उद्देश्य तीन महत्वपूर्ण पहलुओं अर्थात लागत, सुरक्षा और प्रभावकारिता पर विचार करते हुए दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देना है। यह स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों और बजट के अधिकतम उपयोग; दवा खरीद संबंधी नीतियों, स्वास्थ्य बीमा; निर्धारित आदतों में सुधार; यूजी/पीजी के लिए चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण; और फार्मास्‍यूटिकल नीतियां तैयार करने में मदद करता है। एनएलईएम में, दवाओं को स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के स्तर के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जैसे- पी- प्राथमिक; एस- द्वितीयक और टी- तृतीयक।

        उन्होंने विस्तार से बताया कि यह संकल्‍पना इस प्रतिज्ञा पर आधारित है कि सावधानीपूर्वक चुनी गई दवाओं की एक सीमित सूची स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करेगी, सस्‍ती दवाएं प्रदान करेगी और दवाओं का बेहतर प्रबंधन करेगी। उन्‍होंने कहा कि एनएलईएम एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और बदलती सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के साथ-साथ फार्मास्युटिकल ज्ञान में प्रगति को ध्‍यान में रखते हुए इसे नियमित आधार पर संशोधित किया जाता है। आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची पहली बार 1996 में तैयार की गई थी और इसे पहले 2003, 2011 और 2015 में तीन बार संशोधित किया जा चुका है।

        "चिकित्सा पर स्वतंत्र स्थायी राष्ट्रीय समिति (एसएनसीएम) का गठन केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2018 में किया था। समिति ने विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ विस्तृत परामर्श के बाद एनएलईएम, 2015 को संशोधित किया और एनएलईएम, 2022 पर अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को प्रस्तुत की। उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और सूची को स्वीकार कर लिया है।” उन्होंने इस बात पर भी गौर किया कि एनएलईएम के गठन की प्रक्रिया हितधारकों के वैज्ञानिक स्रोतों द्वारा समर्थित जानकारी और अपनाए गए समावेशी/निवारण सिद्धांत पर निर्भर करती है।

        संशोधित एनएलईएम के लिए हितधारकों को बधाई देते हुए, जो अपने नागरिकों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में देश को आगे ले जा रहा है, केन्‍द्रीय राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने सूक्ष्‍मजीवीरोधी प्रतिरोधकता (एएमआर) के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया, जो “हमारे वैज्ञानिकों और समुदाय के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है और हमें एएमआर के बारे में समाज में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है”।



        एनएलईएम 2022 का संशोधन शिक्षाविदों, उद्योगपतियों और सार्वजनिक नीति विशेषज्ञों आदि से जुड़े हितधारकों व डब्ल्यूएचओ ईएमएल 2021 जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ निरंतर परामर्श के बाद किया गया है।

एनएलईएम में शामिल करने के लिए निम्नलिखित मानदंडों का पालन किया जाता है:

  1. रोगों में उपयोगी हो जो भारत में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है।
  2. लाइसेंसयुक्‍त/अनुमोदित औषधि महानियंत्रक (भारत) (डीसीजीआई) हो।
  3. वैज्ञानिक साक्ष्‍यों के आधार पर प्रमाणित प्रभावकारिता और सुरक्षा हो।
  4. तुलनात्मक रूप से सस्ती हो।
  5. वर्तमान उपचार दिशानिर्देशों के अनुरूप हो।
  6. भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत अनुशंसित (जैसे आइवरमेक्टिन लिम्फैटिक फाइलेरिया 2018 के उन्मूलन के लिए त्वरित योजना का हिस्सा)।
  7. जब एक चिकित्सा संबंधी वर्ग की एक से अधिक दवाएं उपलब्ध हों, तो उस वर्ग की एक प्रोटोटाइप/चिकित्सकीय रूप से सबसे उपयुक्त दवा शामिल की जानी चाहिए।
  8. कुल उपचार के मूल्‍य पर विचार किया जाता है न कि किसी दवा की इकाई कीमत पर।
  9. निश्चित खुराक संयोजन आमतौर पर शामिल नहीं होते हैं।
  10. जब कभी टीके को सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम (जैसे रोटावायरस वैक्सीन) में शामिल किया जाता है।

एनएलईएम 2022 को यहां देखा जा सकता है:

(National List of Essential Medicines 2022 : NLEM 2022 list link as follows)

https://cdsco.gov.in/opencms/opencms/system/modules/CDSCO.WEB/elements/download_file_division.jsp?num_id=OTAxMQ==

इस अवसर पर केन्‍द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, डीसीजीआई डॉ. वी. जी. सोमानी, संयुक्त सचिव डॉ. मंदीप कुमार भंडारी, एसएनसीएम के उपाध्यक्ष डॉ. वाई के गुप्ता, और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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