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रक्षाबंधन मंत्र Raksha Bandhan Mantra saskrut

रक्षाबंधन मंत्र  Raksha Bandhan Mantra


रक्षाबंधन मंत्र 

Raksha Bandhan Mantra Sanskrut

०१)  रक्षाबंधन के मौके पर पुरोहित और बहनें इस पौराणिक मंत्र 

'येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: 

तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:

का उच्‍चारण कर सकती हैं। 

    इस रक्षा बंधन मंत्र (Raksha Bandhan Mantra Sanskrut) का अर्थ है- जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षाबंधन से मैं तुम्हें बांधता हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा।

०२) राखी बांधते समय इस मंत्र का कर सकते है जाप

ओम यदाबध्नन्दाक्षायणा हिरण्यं, 

शतानीकाय सुमनस्यमाना:। 

तन्मSआबध्नामि शतशारदाय, 

आयुष्मांजरदृष्टिर्यथासम्।।

    राखी बांधते वक्त भाई का मुख दक्षिण (south) की ओर ना होकर उत्तर (North) या पूर्व (East) में होना चाहिए और तिलक करते वक्त सिर ढंका होना चाहिए। हर त्योहार की तरह राखी भी बहुत सारी खुशियां लेकर आता है। इस बार भी ये पर्व हर राशि के लिए सुख, शांति और समृद्धि लेकर आ रहा है। राखी वाले दिन कान्हा और गणेश जी की विशेष पूजा करने से इंसान के सारे कष्टों का भी अंत हो जाता है।

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