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Maharishi Valmiki Jayanti 2020 - महर्षि वाल्मीकि जयंती २०२० - पुजा विधी और महत्व

Maharishi Valmiki Jayanti 2020 best wishes

Maharishi Valmiki Jayanti 2020 : Puja Vidhi & Importance 

महर्षि वाल्मीकि जयंती २०२० - पुजा विधी और महत्व 

हिंदूओं की सर्वोच्च आध्यात्मीक रचना रामायण के रचयिता, प्रगाढ पंडीत और संस्कृत भाषा के परम ज्ञानी थे महर्षि वाल्मीकि. आईये जानते है, Maharishi Valmiki Jayanti 2020 : Puja Vidhi & Importance महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती कब है और उसकी पुजा विधी और महत्व क्या है. 

इनके संबंध में एक कथा बडी प्रसिद्ध है, पुर्व समयमे इनके डाकू होने की. 

कथा एक डाकू और नारदजी की  

कहा जाता है, एक डाकू था, जो जंगल से आने-जाने वाले को लुटकर, मारकर अपनी उपजिविका चलाता था. एक समय देवर्षि नारदजी वहॉ से गूजरे, तो उसने उन्हे भी पकड लिया. 

नारदजी ने कहा की यह सब क्या है और क्यो कर रहे हो? तो जवाब था, परिवार का भरण-पोषण. नारदजी ने फिर पुछा क्या इस पाप के कार्य में परिवार सम्मिलीत है ? तो उसने कहॉ हा जब इस राशी में सम्मिलीत है, तो पाप कर्म में क्यो नही. 

नारदजी ने फिर कहा, जाओ और घरवालों को पुछकर आओ क्या वह इस पाप कर्म का हिस्सेदार बनना चाहेंगे. तब तक मै रही रुकता हु. 

थोडी देर बात वह डाकू बडा ही अंतर्मुख होकर आया, और कहा की परिवार वाले कहते है, यह तुम्हारा काम है, हम पाप में क्यो शामील हो. इस का पाप हम नही उठायेंगे. 

तब नारदजी नें उन्हे राम-राम इस मंत्र की दिक्षा दी और कहा यह तुम्हारा जीवन बदल देगा. 

पाप इतने थे की राम-राम नही बोल सका, तो मरा-मरा ही जपना शुरु कर दिया. लेकीन, अव वह अंतर्मुख हो चुका था, इसलिये मरा-मरा ने भी तरा दिया. और वह बनेे महर्षि वाल्मीकि. 

Maharishi Valmiki Jayanti 2020

महर्षि वाल्मीकि जयंती कब है ? 

महर्षि वाल्मीकीजी ही वो व्यक्ती थे, जिनके माध्यम से सारे जगत को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चरित्र की संपूर्ण जानकारी हुई. वह एक महाकवी थे, महाकाव्य रामायण की उन्होने रचना की. उनका जीवन और चरित्र प्रेरणादायी और मंगलमय है. 

महर्षि वाल्मीकि जी का जन्म अश्‍विन मास के शुक्ल पक्ष की पोर्णिमा को जिसे शरद पोर्णिमा भी कहा जाता है, उस दिन हुआ था. इस वजह से इस बार महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती ३१ अक्टूबर २०२० को मनाई जायेगी. 

Puja ki thali
पुजा कैसे की जाती है ?

सारे देश में Bhagwan Maharishi Valmiki Jayanti भगवान महर्षि वाल्मीकि की जयंती बडे ही धुमधाम से मनाई जाती है. मंदिरों में और घर घर वाल्मीकि जी की पुजा-अर्चना की जाती है.  महर्षि वाल्मीकि जी की फोटो  या चित्र के साथ ही रामायण ग्रंथ की पुजा का इस दौरान विशेष महत्व है. पुष्प, धुप, दिप से पूजन के पश्‍चात रामायण जी की आरती के साथ ही महर्षि जी की आरती भी गायी जाती है. 

ऐसे गुरुवर भगवान महर्षि वाल्मीकि जी के चरणों में शिश नवाकर उनके आशिर्वाद की कामना की जाती है. उनके चरणों में कोटी-कोटी वंदन किया जाता है.

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